28 देशों के संगठन यूरोपीय संघ ने मशहूर आम अल्फांसो समेत सभी तरह के भारतीय आमों को खरीदने से मना कर दिया है। बैंगन, अरबी, करेला और चिचिंडा जैसी सब्जि़यों पर भी रोक लग गई है। 1 मई, 2014 से अब भारत का कोई भी आम इन देशों में नहीं खरीदा जाएगा। भारतीय कारोबारियों का लाखों का नुकसान होगा। इसका असर यह होगा कि आम की मात्रा घरेलू बाज़ार में बढ़ने से इसके दाम कम होंगे। एक तरह से आम के शौकीनों के लिए तो फायदे वाली बात है। लेकिन व्यापारियों के लिए नुकसान है। इस आम की कीमत पहले 300 से 800 रुपए तक थी लेकिन अब इसकी कीमत 150 से 200 रुपए तक हो गई है। यूरोपीय संघ ने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा कि 2013 में यहां से कई देशों में गए फलों, सब्जि़यों में मक्खियां और कीड़े लगे पाए गए। संघ का कहना है कि अगर यह फल और सब्ज़ी खरीदे जाते रहे तो इनमें लगने वाले कीड़े हमारे देशों में भी आ जाएंगे। जिससे यहां की फसलों पर भी असर पड़ेगा।
विदेशों में नहीं बिकेंगे भारतीय आम
पिछला लेख
एक सौ दो साल की जवान ज़ोहरा
अगला लेख