फैजाबाद अम्बेडकर नगर के ग्राम प्रधानन के खाता मा यतना बजट आवै के बावजूद गांव कस्बन मा कउनौ विकास नाय हुवत बाय। जनता तमाम प्रकार के समस्या से जूझत बाय लकिन समस्या कै समाधान नाय हुवत बाय। समाधान हुवय कैसे? षासन प्रषासन बजट भेजा थै। काम भै कि नाय यकै जांच नाय हुवत। यही कारण गांव कस्बा यतना अविकसित बाय।
ग्राम प्रधानन के खाता मा राजवित्त तेरहवें वित अउर मनरेगा कै पैसा आवाथै जेसे गांव कै विकास होय सकै। लकिन गांवन कै अगर सर्वे कै जाए तौ न षौचालय न नाली न खडन्जा जैसेन समस्या कै समाधान नजर नाय आवत। घर घर षौचालय बनवाये, बहू बेटिया दूर न जाये कै प्रचार हर जगह कीन जाथै। लकिन षौचालय बना कहूं नाय देखात। जेसे आये दिन घटना हुवत सुनै का मिलाथै। कि षौच के ताई नौ महिला मा लड़की के साथै छेड़छाड़ भै। यही कारण बाय कि गंावन मा विकास न हुवय से यतनी समस्या झेलै का पराथै। अगर बिकास कै ब्यौरा मांगा जायै तौ पता चलाथै कि कागज मा काम ज्यादा से ज्यादा कराय गै बाय। लकिन कहां काम करायगै कुछ पता नाय चलत। का हर साल एक ग्राम पंचायत मा कउनौ काम करावै कै बजट नाय पास हुवत? या नाली खड़न्जा निर्माण के ताई नियम नाय आवत? तारून ब्लाक के केषरूआ ग्राम सभा मा मनइन कै आरोप बाय कि विकास के नाम पै एक लाख बाइस हजार दुई सौ रुपया खर्च दिखावा बाय। जब कि काम कुछ नाय भै बाय। यही स्थिति हर ग्राम पंचायत मा रहाथै। लकिन फिर भी षासन-प्रषासन कै ध्यान यहि बात पै काहे नाय जात।
विकास के नाम पै पैसा कै लूट
पिछला लेख