हम इक्कीसवीं सदी में हैं लेकिन हमारी सोच और हमारा ग्रामीण समाज आज भी सदियों के बनाये घिसे-पीटे नियम-कायदों पर चल रहा है। गाँवों की पंचायतें आज भी बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए लड़की को ही दोषी मानती हैं और उसे जबरन नरक का जीवन जीने को मजबूर कर देती हैं।
ताज़ा मामला ललितपुर जिले का हैं जहाँ एक लड़की का पांच लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया और जब पंचायत बैठी है तब उस लड़की को ही मुजरिम करार दे दी गया।
मामले के अनुसार, आठ महीनें पहले गांव की एक लड़की के साथ पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद परिवार को मार देने की धमकी देकर, कई दिनों तक लड़की का शोषण करते रहे। मामला तब सामने आया जब आरोपियों ने लड़की के गर्भवती हो जाने पर उसका गर्भपात करा दिया। जब बात गाँव में फैली तब गाँव वालों ने लड़की के पूरे परिवार को जात-बिरादरी से निकालने का फैसला किया। यही नहीं, इस बारे में जब शिकायती परिवार ने पंचायत बुलाई तब इस परिवार को ही पंचायत ने सजा सुनाते हुए जुर्माना भरने को कहा।
शिकायतकर्ता लड़की और उसके परिवारी जनों के अनुसार, पंचायत ने उनसे जुर्माना भरने को कहा और न भरने पर बिरादरी और गांव से निकाल जाने का आदेश दिया। मजबूरन इस परिवार ने जुर्माना भरना कबूल किया।
परिवार के सदस्य ने बताया कि उनके आगे कोई और रास्ता नहीं बचा था इसलिए उन्होंने जुर्माना भरना कबूल किया। लेकिन वह इस मामले में पुलिस की मदद चाहते हैं और वह इस पर कार्यवाही भी कर रहे हैं।
हालाँकि इस बार में सीओ हिमांशु गौरव का कहना है कि मामला पंचायत का है इसलिए हम अपनी तरफ से तभी कुछ कर सकते हैं जब शिकायतकर्ता परिवार आगे आये। लेकिन फिर भी पंचायत के आदेश के खिलाफ पुलिस कार्यवाही जरुर करेंगी। जिसके लिए अभी जाँच चल रही है।
रिपोर्टर- राजकुमारी और सुनीता प्रजापति
31/05/2017 को प्रकाशित