वाराणसी जिला के धरहरा गांव के दलित बस्ती के आबादी चार सौ से ऊपर है, लेकिन यहां अभी तक आवास और शौचालय की सुविधा लोगों को नहीं मिली है। गांव की बहू बेटियां शौच के लिये खेत में जाती है, तो गालियां मिलती हैं। प्रधान आश्वासन बस देते हैं, लेकिन कुछ करते नहीं हैं।
मन्नी का कहना है कि खेत में शौच जाते हैं तो खेत वाले गाली देते हैं। क्योंकि खेतों में उनकी फसल खड़ी है।
प्रभावती ने बताया कि हम बच्चों का पेट भरे कि शौचालय बनवायें। गीता का कहना है कि हमें आवास नहीं मिला है, जिस घर में हम रहते है तो बहुत चूता है। बरसात में बैठनें को जगह नहीं रहती है। उर्मिला का कहना है कि तीन चार लोगों को आवास मिला है। उसके लिये प्रधान बीस-बीस हजार रूपये लिया है।
प्रधान सुनीता यादव का कहना है कि पन्द्रह सौ शौचालय आये हैं आवास के बारें में जानकरी नहीं है।
सहायक विकास अधिकारी मयंक मोहन गौड़ के अनुसार हर घर में शौचालय बनवाया जायेगा। तथा घूस मांगने की शिकायत पर जांच की जायेगी।
रिपोर्टर- सुशीला