एम बी बी एस यानी डॉक्टरी का एक छात्र अश्वनी ने धौलपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर राजघाट गांव की मूलभूत सुविधाओं के लिए एक ‘राजघाट बचाओ’ अभियान शुरू किया है जो सरकार में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
धौलपुर के राजघाट गांव में ना तो बिजली हैं और ना ही पानी। गांव के लोग आज भी ऊबड-खाबड़ कच्ची सड़कों पर ही पैदल आते-जाते हैं। अश्वनी ने अपने साथियों के साथ मिलकर गांव की दुर्दशा को सुधारने की ठानी और प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तक को पत्र लिख डाले।
गांव के हालातों को जानने के बाद अश्वनी ने वहां के लोगों के लिए प्रयास शुरू किए। अश्वनी का कहना है कि जब गांव की दुर्दशा के बारे में उन्होंने सुना तो वे अचरज में पड़ गए, कि नगरपरिषद क्षेत्र में होने के बावजूद गांव में ना तो कोई स्थानीय योजना मिल पा रही है और ना ही केंद्र की ओर से। अश्वनी के साथ उनके साथी भी अभियान से जुड चुके हैं, और उसके बाद से कई प्रशासनिक अधिकारी सर्वे करने के लिए गांव में पहुंच भी चुके हैं।