कला के माध्यम से अक्सर व्यक्ति अपनी इच्छाओं को व्यक्त करता है उसी प्रकार से हमारे समाज के वंचित समुदाय से आने वाले बच्चों ने एक आयोजन में कला के माध्यम से अपने दर्द और चिंता व्यक्त करने की कोशिश की।
लड़कियों के लिए एक रचनात्मक कार्यक्रम के रूप में एक कला कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य लड़कियों को कला के माध्यम से लिंग और लिंग समानता के बारे में बताना था। इस शिविर में मलिन बस्तियों की 18 लड़कियों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम एई सी डब्ल्यू एफ नामक संस्था की सहायता द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें शामिल 18 लड़कियां, 10-18 साल की आयु के बीच की थीं।
“महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा” पर आधारित इस कला आयोजन पर लड़कियों की प्रतिक्रिया जोरदार रही। अपनी कला के द्वारा लड़कियों ने बताया कि लिंग के भेद को दूर रखते हुए, हर किसी को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिये। वहीँ 10वीं एक छात्रा काजल ने बेटी बचाओ पर एक चित्र बनाया। इस आयोजन द्वारा लड़कियों को जहाँ कहने भर की छूट नहीं है वहां अपने विचार व्यक्त करने की आज़ादी मिली। यह मौका उनके विचारों को नई उड़ान देने के लिए महत्वपूर्ण रहा।
इन युवा लड़कियों का शिक्षा के प्रति जागरूक होना और उसका महत्व समझ कर अपने विचारों को चित्र की मदद से सामने लाना आश्चर्यचकित करता है। यह चित्र बताते हैं कि लड़कियों के पास कई सपने और आकांक्षाएं हैं और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना चाहती हैं।
देश में आज भी लड़कियों को सामाजिक दबाव के कारण कक्षा 12 के बाद अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति नहीं है। उनके बचपन को अक्सर बहुत जल्द छीन लिया जाता है इसलिए गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका स्वतंत्र बनना है जो उन्हें उनके सपने पूरे करने में मदद दे सकता है।
इस आयोजन के माध्यम से, लड़कियों को अपनी छिपी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला और कलाकारों से सीखने का मौका भी मिला।