पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए अपनी जान पर खेलने वाली मलाला यूसुफजई ने 9 अक्टूबर को मशहूर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश कर इतिहास रचा।
मलाला ने अपनी फोटो इंटरनेट पर शेयर करते हुए लिखा, ‘आज से पांच साल पहले मुझे लड़कियों की शिक्षा पर बोलने की वजह से गोली मार दी गई थी और आज मैं ऑक्सफोर्ड में अपनी पहली क्लास ले रही हूं।‘ ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई!
बता दें कि मलाला युसूफजई तब महज 15 साल की थीं जब तालिबान के एक बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी थी। स्वात घाटी में उस वक्त मलाला अपने स्कूल की परीक्षा दे कर गांव वापस जा रही थीं। मलाला ने पाकिस्तान की लड़कियों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने की कोशिश की थी। इस हमले के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए बर्मिंघम ले जाया गया और तब से वह अपने पूरे परिवार के साथ बर्मिंघम में ही रह रही हैं। यहीं से उनकी पढ़ाई और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने का अभियान चल रहा है।
मलाला युसूफजई को 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। उस वक्त मलाला की उम्र महज 17 साल थी और वो नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की सूची में सबसे कम उम्र की विजेता हैं।
फ़िलहाल, मलाला विश्व प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इसी साल अगस्त में ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया था।