जिला चित्रकूट। सरकार ने यह सोच कर लोहिया गांव बनाया था कि विकास होगा, लेकिन जिले के लोहिया गांवों में कोई सुधार नज़र नहीं आ रहा है।
मानिकपुर के ऐलहा गांव के प्रेमचन्द्र समेत पांच लोगों ने बताया कि लोहिया गांव होने के बाद भी कोई विकास नहीं हो रहा है। एक साल लोहिया गांव बने हो गया है। सड़क खराब होने के कारण बरसात में कीचड़ भर जाता है। बिजली बिना अंधेरा रहता है। पता नहीं कि कब तक हमारी समस्याएं खत्म होंगी।
मानिकपुर के गढ़चपा गांव के देषराज और महरनिया ने बताया कि गांव में आबादी चार हज़ार है। बीस साल से सड़क बिजली और पानी की समस्या है। प्रधान गिधनी देवी से कहा पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि ब्लाक में एक महीना पहले लिखित दिया है। अगर पास होगा तो विकास कार्य शुरू किए जा सकते हैं। मानिकपुर ब्लाक के बी.डी.ओ. एम.पी. प्रजापति ने बताया कि अभी बजट नहीं आया है। बजट आने पर विकास हो सकता है।
ब्लाक पहाड़ी के मिजऱ्ापुर गांव के अभयराज, देवदत्त, उदयभान और राजकुमार का कहना है कि नाली, खड़ण्जा और पानी की समस्या है। प्रधान बाबूलाल भी विकास कराने के लिए ध्यान नहीं देता है।
जिला पंचायती राज अधिकारी हरि सहाय का कहना है कि जिले के सत्रह गांवों को राममनोहर लोहिया योजना के तहत वर्ष 2012 से 2013 के लिए चुना गया है। आर.सी.सी. रोड के लिए दो करोड़ बाइस लाख रुपए और शौचालय के लिए एक करोड़ नब्बे लाख इक्कीस हज़ार रुपए का बजट सरकार ने पास किया है। कुछ गांवों में काम शुरू भी हो गया है।
लोहिया गांवों में ही विकास नहीं
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