बांदा। डाक्टर राममनोहर लोहिया समग्र विकास योजना साल 2014-1015 के लिए अट्ठाइस गांवों को चुना गया है। इससे पहले 2013-2014 के तहत चुने गए अट्ठाइस गांवों का विकास कार्य भी अधूरा पड़ा है।
ब्लाक महुआ का गांव नौहाई। यह गांव 2013-2014 में लोहिया गांव चुना गया था। इस गांव में कितना विकास हुआ है? यह जानने के लिए गांव के ही चंद्रपाल ने अर्जी लगाई थी। उन्होंने पूछा था कि गांव में विकास के तहत कितना बजट खर्च हुआ है। लेकिन 17 सितंबर को मिली सूचना और ज़मीनी स्तर पर हुए काम में बड़ा अंतर है। कई ऐसे नाली खड़ंजा और संपर्क मार्ग के लिए पैसा निकाला गया है जो कभी बने ही नहीं। उदाहरण के तौर पर प्यारेलाल के पुरवा से इंद्रपाल के पुरवा तक मौरमीकरण करवाने के लिए एक लाख अट्ठासी हजार रुपए निकाला जा चुका है पर काम नहीं हुआ। रामकली, भगवानदीन और शिवभजन का कहना है कि निर्मल भारत अभियान के तहत तीन सौ आठ शौचालय पास हुए हैं। इसमें से एक सौ पचास बने हैं। लेकिन अधूरे पडे हैं।
ब्लाक बड़ोखर खुर्द का गांव पण्डुई। यहां साधू, अनूप देवरथा और कुन्ती का कहना है कि 2014-2015 में लोहिया गांव का दर्जा दिया गया। छह महीने बीत गए लेकिन विकास नहीं हुआ।
सी.डी.ओ. प्रमोद शर्मा का कहना है कि 2014-2015 के लोहिया गांवांे का बजट अभी नहीं आया है। 2013-2014 के साल चयनित गांवों के विकास का काम अभी चल रहा है। नौहाई गांव के बारे में सी.डी.ओ. ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि आगे क्या कार्रवाई चल रही है।