लोकसभा में 3 मार्च को कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया नया मातृत्व अवकाश बिल (संशोधन) पास हो गया है। इस बिल के पास हो जाना नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए अच्छी-खासी राहत लेकर आया है।इस बिल में मेटर्निटी लीव को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्तों (6 महीने) करने की बात कही गई है।
बिल की मुख्य बातें
1- इस बिल में स्पष्ट कहा गया है कि फिलहाल नौकरी करने वाली महिलाओं को 12 हफ़्तों की जो मातृत्व अवकाश दिया जाता है वह काफी नहीं है और इससे उनके स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इन छुट्टियों को बढ़ाकर 26 हफ्ते कर देना चाहिए।
2- अगर महिलाएं मातृत्व अवकाश ख़त्म होने के बाद भी कुछ वक़्त घर से काम करना चाहती हैं तो उन्हें ये सुविधा देना कंपनी की जिम्मेदारी होगी।
3- इस बिल के पास होने के बाद 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में क्रेशकी सुविधा प्रदान करना अनिवार्य हो जाएगा। महिलाएं काम के बीच चार बार बच्चों से मिलने क्रेशमें भी जा सकेंगी। इससे बच्चों की देखभाल से जुड़ी महिलाओं की समस्याएं कम होंगी।
गौरतलब है कि भारत में अभी तक मेटर्निटी बेनिफिट एक्ट 2016 के मुताबिक ही महिलाओं को मातृत्व अवकाश दिया जा रहा था और इस बिल में सुधार के लिए लगातार आवाज़ उठाई जा रही थी।