लैंगिक समानता के मामले में भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
जिनेवा के विश्व आर्थिक मंच ‘डब्ल्यूईएफ’ द्वारा तैयार किए गए वैश्विक लैंगिक अंतर सूचकांक में भारत को 108वीं रैंक मिली है। भारत में इस साल लैंगिक अंतर में दो प्रतिशत की कमी आई है। वैश्विक आर्थिक मंच द्वारा आंके गए चार क्षेत्रों में ये अंतर 68 प्रतिशत का है। ये चार क्षेत्र हैं, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक प्रतिनिधित्व।
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि सबसे ज्यादा सुधार शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है, जहां ‘भारत प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में अपने अंतर को कम करने में पूरी तरह सफल रहा है।’ जबकि आर्थिक रूप से अधिक काम करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में 144 देशों में भारत 136वें स्थान पर है। वहीं, शिक्षा हासिल करने में भारत को 113वां स्थान मिला है।