जिला बांदा ब्लाक कमासिन, गांव छिलोलर। हेंया के कौशिल्या लगभग तीन महीना पहिले लेखपाल कोठारी सिंह का पारिवारिक लाभ पावैं खातिर छह सौ रूपिया दिहिस रहै। अब लेखपाल वहिका काम नहीं करावत आय।
कौशिल्या कहत है-“मोर मनसवा दिसम्बर 2012 मा खतम होइगा रहै। तबै से मैं पारिवारिक लाभ पावैं खातिर भटकत हौं। लेखपाल कोठारी मोहिका भरोसा दिहिस रहै कि छह सौ रूपिया लागी अउर तोर काम करवा दीन जई। यहिसे मैं लेखपाल का छह सौ रूपिया दीने रहौं। अब लेखपाल न मोहिका पारिवारिक लाभ देवावत आय न मोर रूपिया वापस करत आय। यहिसे मैं वहिके चक्कर लगा-लगा के परेशान हौं। अगर रूपिया मांगत हांै तौ उल्टी सीधी बातै करत है।”
लेखपाल कोठारी कहत है कि कौशिल्या मोहिका गलत आरोप लगावत है। काहे से वा आंगनवाड़ी के कर्मचारी है वहिका पैतिस सौ रूपिया महीना मा वेतन मिलत है। साल भर मा उन्नीस हजार आठ सौ रूपिया कमाई करैं वालेन का पारिवारिक लाभ मिलत है।
लेखपाल लिहिस रूपिया
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