जिला महोबा ब्लाक कबरई गांव गुगौरा। एते के आदमियन को आरोप हे की लेखपाल अपनी मनमानी करत हे। हमाये गांव के कोनऊ खा दूसर चेक नई मिली हे।
मोहनलाल बताउत हे की डेढ़ बीघा जमीन हे। तीन बिटिया हती जीखी शादी कर दई हे। मोई उमर सत्तर साल हे। मोये लड़का न होंय के कारन मे अपने भाई के साथे रहत हों। मोये पास तीन जानवर भी हे। भाई खा सुगर की बीमारी हो गई हती। इलाज के कारन तीन लाख रूपइया कर्जा भी हो गओ हे।
श्यामलाल बताउत हे क्रेसर मे मजदूरी करके आपन परिवार पालत हों। परिवार के साथे पांच जानवर हे। पेट भरे के लाने भूसा, नून, तेल ओर आनाज सब बाजार से खरीदने परत हे। मोये पास एक एकड़ जमीन हे। दो बच्चा स्कूल मे पढ़त हे। इत्ती महंगाई ओर सूखा के कारन हमाओ पूरो परिवार भुखमरी की कगार मे आ गओ हे।
छानी कलां गांव के हरीराम बताउत हे की मोये पास दो बीघा जमीन हे। हमाये परिवार मे पांच से छह लोग हे। पांच महीना पेहले लेखपाल खा खाता संख्या दओ हतो। आज तक हमाये खाता मे लेखपाल ने रूपइया नई भेजो हे। फत्ते कहत हे की दो बीघा जमीन हे। चार लड़का हे। सूखा के कारन सब आपन लड़का बिटिया लेके बाहर भट्ठन चले गये हे।
लेखपाल बताउत हे की अभे तक बजट नईं आओ हतो जीसे खाता मे रूपइया नईं भेजो हे। अब आ गओ हे तो एक हफ्ता के भीतर भेज दये जेहे। ब्लाक चरखारी, गांव रिवई ओर अस्थौन गांव के किसानन खा चेक न मिले के कारन रोज तहसील लेखपाल ओर अधिकारियन के चक्कर काटत हे।
काशीप्रसाद ओर मोहनलाल कहत हे की हमाओ अभे सूखा की चेक नईं आई हे। हमाये खयें के लाने गेहूं नईयां हम रात दि सोचत हे की हमाओ सूखा राहत को रूपइया मिल जाये तो नींक रेहे। महोबा एस.डी.एम. सुशील प्रताप सिंह बताउत हें की जिले मे चवालिस करोड़ रूपइया पिछली साल के सूखा ओर ई साल के ओला वृष्टि को आओ हे। छह हजार आठ सौ रूपइया प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसान खा दओ जात हे। नौ हजार असिंचित ओर अट्ठारह हजार रूपइया सिंचित के ओलावृष्टि को रूपइया किसानन के खाता मे डारो जात हे। 10 मई तक दस करोड़ रूपइया जिला में बांटो जा चुको हे।
रिपोर्टर – सरोज सैनी, सुनीता प्रजापति