खोज की मशहूर संस्था ‘मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट’ की 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम और मेघालय देश के दो ऐसे राज्य हैं जहाँ महिलाओं को बिना किसी लिंग असमानता के, समान रूप से काम दिया जाता है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वोत्तर राज्यों में केरल, गोवा और सिक्किम में लिंग अनुपात समान है जो अर्जेंटीना, चीन या इंडोनेशिया की तरह ही समान है। जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में लिंग अनुपात असमान हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष पांच राज्यों में देश की महिला की आबादी का सिर्फ 4% है, जबकि पिछड़े पांच राज्यों में 32% अधिक है।
भौतिक सुरक्षा और स्वायत्तता (जन्म और अंतरंग साथी हिंसा पर लिंग अनुपात) के क्षेत्र में भारतीय महिलाएं अत्यधिक उच्च असमानता का सामना करती हैं। वहीँ इसमें अब बाल विवाह पर उच्च असमानता को भी जोड़ा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लैंगिक असमानता तीन आयामों पर उच्च या अत्यधिक उच्च है – काम में लैंगिक समानता, कानूनी सुरक्षा और राजनीतिक आवाज, और शारीरिक सुरक्षा और स्वायत्तता।
लिंग समानता के संदर्भ में, केवल मेघालय और मिजोरम समानता दिखाते हैं। शारीरिक सुरक्षा और स्वायत्तता में लैंगिक समानता के मामले में, हिमाचल प्रदेश सबसे अधिक अंक हासिल करता है।
लिंग समानता के आधार पर मिजोरम और मेघालय हैं आगे, यूपी पीछे
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