बांदा जिला। चालिस साल का गुड्डू चूना भट्टी कालोनी मा रहत है। वा तेरह साल के उम्र से लाष ढोवैं का काम करत है। पोस्टमार्टम हाउस मा वहिका मड़ई जल्लाद के नाम से जानत है। या काम वहिका बहुतै पसन्द हैं।
खबर लहरिया पत्रकार से पोस्टमार्टम हाउस मा गुड्डू के मुलाकात भे। पूछैं मा गुड्डू कुछ इनतान आपन कहानी बतावत है कि मोर बाप दिल्ली मा मर गा रहै। वा समय मोर उम्र तेरह साल रहै। बाप के लाष का लावारिष समझ के कउनौ हाथ नहीं लगाइस रहै। मैं भीख मांग के रूपिया इकठ्ठा करेंव। अपने बाप के लाष बांदा तक लायेंव अउर अपने मन मा संकल्प करेंव कि अब मैं लाष ढोवैं का काम करिहौं। मैं रिक्शा लइके बांदा मा घूमेवं अउर स्टेषन मा पड़ी लावारिष लाषन का ढोवब षुरू करेंव। धीेरे-धीरे पहचान थाना,तहसील मा होइगे। अब विभाग से फोन आवत हैं। मैं सड़ी लाश खुले रिक्शा मा लावत हौं, पै विभाग सुविधा नहीं देत आय।
लाशन के साथै जियत है गुड्डू
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