बांदा अउर चित्रकूट जिला। हेंया या समय ग्राम पंचायत प्रधान अउर सदस्य पद के चुनाव खातिर तीसरे चरण का भी नामांकान होई चुका है। चुनाव मा ठाढ़ लोग जोर शोर से आपन तैयारी मा लाग हैं। गांवन मा ज्यादातर सुनै का मिलत है कि चुनाव मा ठाढ़ लोग आम जनता के लुभावैं अउर आपन आपन कइत वोट बटोरैं खातिर लोगन का लालच दें मा लाग हैं। कतौं रूपिया बाटें जात हैं, तौ कतौ दारू मुर्गा करावा जात है, तौ कतौं धेती कपड़ा बाटें जात हैं अउर कतौं जातिवादी कीन जात है। जबैकि इं सब काम आचार सहिंता के खिलाफ हैं।
का लालच मा आ के वोट डालैं वाले लोग आपन गांवन के विकास काम पूर करा पइहैं।
या फेर उंई आम लोग भी या बात के सच्चाई अच्छी तान से जानत हैं कि उनके हित अउर गांवन के विकास काम पूर करावैं खातिर उनका कउनतान का प्रत्याशी नीक होई सकत है। वहिका सोच समझ अउर चुन के जीतावैं का चाही। काहे से चुनाव के समय दीन जाय वाली लालच मा तौ उनके पांच साल पूर न होई जइहैं।
यहिका नतीजा गांवन मा आम जनता का पांच साल भोगैं का परत है अउर कउनौ भी काम करावैं के जरूरत होय तौ ग्राम प्रधान के दस चक्कर लगावैं का परत है। अगर ग्राम पंचायतन के विकास का लइके सच्चाई का देखा जाय तौ आज भी केतने गांव होइहैं जउन विकास के नाम से कोसन दूर है। यहिसे साफ पता चलत है कि केतना विकास का काम करावा जात है।
लालच दइके वोट खरीदैं का बनावा गा तरीका
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