फैजाबाद अउर अम्बेडकरनगर मा किशोरियन के ताई नई-नई सुविधा आवाथै। जेहमा से एक योजना ई बाय कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा तीन किशोरी चुनी जाए वै ऐसी किशोर रहै जवन स्कूल न जात हुवय। लकिन हिंआ तौ किशोरियन के साथे खिलवाड़ हुवत बाय। नाम रजिस्टर मा दर्ज होइगै लकिन किशोरियन का पतै नाय बाय। आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा हर छह महीना मा तीन तीन किशोरी कै चयन कीन जाथै। जेहमा किशोरियन का पोषाहार दिया जाथै अउर समय-समय पै स्वास्थ्स के बारे मा ध्यान रखै कै जानकारी दिया जाथै। लकिन हिंआ तौ किशोरियन के हक के साथे खिलवाड़ हुवत बाय। किशोरियन का बिन बताये उनकै नाम लिख लीन जाथै। जब तक उनका जानकारी नाय रहत वैहर सुविधा से वंचित रहि जाथिन। जब किशोरियन के ताई सुविधा आवाथै तौ उनका काहे नाय दीन जात। आखिर पंजीरी घरमा रखिके काव होये। अपने जानवरन का खिलइहै या फिर बेंच लिया जाथै। जवन खुद आंगनबाड़ी कार्यकत्री से सुनै का हमलाथै। आखिर यस काहे कीन जाथै। ऐसन मा तौ नियम कै पता नाय चलि पावत कि कवन सुविधा केकरे ताई आवाथै। खबर लहरिया कै पत्रकार कुछ चुनी गई किशोरी से बात करिन। उनके बात मा निकलके आय कि उनका जानकारी नाय बाय कि वै सुविधा के ताई चुनी गै बाटिन। अगर यहि तरह से मामला सामने आवाथै तौ का उनके साथ कार्यवाहि नाय हुवय का चाही?
लापरवाही से नाय मिलत बाय सुविधा
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