सवाल: हाय लव गुरु, मेरा नाम अनीता है और मैं ऑफिस में एक लड़के से प्यार करने लगी हूं। हम दोनों अक्सर लंच साथ में ही लेतें हैं। कल मैं उसके लिए अचार बनाकर ले गयी थी, जो उसे बहुत पसंद आया। अब हम ट्यूबलाइट मूवी साथ देखने का प्लान कर रहे हैं मगर एक प्रॉब्लम है। मेरी दीदी कह रही हैं कि वो भी साथ चलेगी! कैसे दीदी से छुटकारा पाऊँ?
जवाब: अरे अनीता, तुम्हारी प्रॉब्लम तो इतनी बड़ी नहीं है! जाने कितने लोग ऐसे होंगे जो अपने खास दोस्त के साथ अलग से टाइम बिताना चाहते होंगे। अच्छा, एक बात बताओ, क्या तुम अपनी दीदी के करीब हो? उनको सच नहीं बता सकते क्या?
सवाल: लव गुरु जी, मैं दुष्यंत। शायद आप ही बता सकते हो कि आखिर ये कैसे पता चलता है कि तुम्हे प्यार हो गया है? किसी की तरफ आकर्षित होना, सिर्फ यही तो प्यार की परिभाषा नहीं होती है, है ना? क्या किसी से शादी करने के बारे में सोचना, इसे प्यार कहते हैं?
जवाब: दुष्यंत, बहुत अच्छा सवाल! प्यार की परिभाषा तो शायद ही कोई पूरी तरह से बता पाए, लव गुरु भी फेल है यहां तो! सिर्फ आकर्षण, या शादी करने की इच्छा, ये नहीं हैं प्यार जांचने के मापदंड। हाँ, लेकिन इतना तो स्पष्ट है की किसी के बारे में लगातार सोचना, खासकर ये की उसको किस से ख़ुशी मिलती है या मिल सकती है, ये प्यार की निशानी और उसका इज़हार दोनों है।
Published on Jul 8, 2017