सवाल:- मेरा नाम शमा है। मैं बांदा की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 35साल है, मैं अपने पड़ोसी से प्यार करने लगी हूँ। मेरे पति के झूठे इल्जाम और उनकी नफ़रत मुझे उसकी तरफ ले गई। वो भी मुझसे बहुत प्यार करता है। मेरे पांच बच्चें हैं और वो भी शादी शुदा है, उसके दो बच्चे हैं। उसने मुझे कभी बदनाम नहीं होने दिया। मेरे बच्चे मेरे पति के साथ चले गए थे, अब वापस आ गए हैं, पर उनके दिमाग में पति ने बहुत गंदी बाते भर दी हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ?
जवाब:- शमा, सबसे पहले तो ये कि कई बार हमें ज़िन्दगी में कुछ समझौते करने पड़ते हैं। लेकिन आप ये देखिए कि आपके लिए सही क्या है? आपका पड़ोसी या पति बच्चे? जब तक आप ये नहीं सोच पाएंगी तब तक कोई फैसला कैसे ले पाएंगी? और हाँ कोई भी फैसला लेते समय ये जरूर ख्याल रखें कि कहीं हमारे एक फैसले से किसी का घर बर्बाद न हो जाए।
सवाल:- मेरा नाम सीमा है, मुझे बचपन में एक लड़के से प्यार हो गया था। वो भी मुझसे प्यार करता था। फिर हम दोनों एक साथ एक जगह काम करने लगे थे, पर बात करने का मौका नहीं मिलता था क्योंकि उसके भाई और भाभी को हमारे बारे में पता था। इसलिए हम एक दूसरे को देखकर बहुत खुश रहते थे। अब उसकी शादी हो गयी है। मुझे उसकी बहुत याद आती है। उसका न कभी फोन आता है और न ही उसका कोई नंबर है। मेरे पास उसके लेटर और गिफ्ट भी है जिसके सहारे मैं जी रही हूँ। मैं क्या करूँ, जिससे मुझे उसकी याद से छुटकारा मिल जाये?
जवाब:- सीमा, आप एक काम करिए। सबसे पहले तो ये कि उसके दिए हुए जितने भी गिफ्ट और तोहफे हैं सब फेंक दीजिए। ना रहेगी बांस ना बजेगी बांसुरी। आप वेट की उसे आना होता तो आ गया होता। आप खुद को समय के साथ आगे बढ़ाइए। आपको अहसास होगा की एक खूबसूरत ज़िन्दगी आपका इंतज़ार कर रही है।