सवाल:- मेरा नाम रजिया है। मैं अरुण नाम के एक लड़के से प्यार करती हूं। वो भी मुझे प्यार करता है लेकिन अलग अलग धर्म होने के वजह से हम बहुत डरते हैं, ना तो हम किसी को कुछ बता पाते हैं। हम एक दूसरे के बिना जी नहीं पाएंगे। आप हमे कोई रास्ता बताइए।
जवाब:- रजिया, वो कहावत है ना कि प्यार किया तो डरना क्या। आप डरिए मत। घर में जिससे ज्यादा घुली मिली हैं उनसे कहिए। शायद कोई रास्ता निकल आये। इन सबके बावजूद अगर कोई रास्ता नहीं निकल रहा है तो आप दोनों खुद से सोचिए कि आप खुद के लिए क्या कर सकते हैं? क्या आप दोनों एक साथ घर से दूर रह सकते हैं? हो सकता है कुछ लोग नाराज़ हों। पर शायद वक़्त के साथ सब कुछ ठीक हो जाए।
सवाल:- मेरा नाम दीपू है। मेरी समस्या ये है कि मैं किसी भी लड़की को देखता हूं तो उसी के बारे में सोचने लगता हूं। जब तक मैं दूसरी अच्छी लड़की को नहीं देखता हूं तो फिर वो मेरे दिमाग में बस जाती है। मुझे समझ नहीं आता क्या करूँ?
जवाब:- दीपू, लड़कियों को देखना या उनके बारे में सोचना, अपने में गुनाह नहीं है। लेकिन ज़िन्दगी में बहुत सी और चीज़ें हैं जिनके बारे में आप सोच सकते हैं और अपने मन को व्यस्त रख सकते हैं – संगीत, दोस्ती, काम, कुदरत और बहुत कुछ। ज़रा इनपर भी ध्यान दें, शायद यहां आपको ज़्यादा सुकून मिले। हो सकता है आपके दिमाग में लड़कियां इतनी ज्यादा ना बसें।
21/04/2017 को प्रकाशित