जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव समोगर, न हमाय पास जमीन हे न राशनकार्ड हे बच्चा खाबे के लाने रोत हे केसे खरीदे बीस रुपइया किलो चावल। एक तरफ सरकार सबका साथ सबको विकास की बात करत लेकिन गांव को विकास तो कोसन दूर की बात हे इते तो गरीबन को दस साल से राशन नइ मिल रओ। एसे में शासन की योजना जमीनी स्तर पे आके दम टोर देत।जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव समोगर न हमाय पास जमीन हे न राशनकार्ड हे बच्चा खाबे के लाने रोत हे केसे खरीदे बीस रुपइया किलो चावल। एक तरफ सरकार सबका साथ सबको विकास की बात करत लेकिन गांव को विकास तो कोसन दूर की बात हे इते तो गरीबन को दस साल से राशन नइ मिल रओ। एसे में शासन की योजना जमीनी स्तर पे आके दम टोर देत। रामप्यारी ने बताई के हमे दस साल से राशन नइ मिलो हमाओ परमिट कटवा दओ पहले पांच छह साल मिलो अब हम परेशानी में हे। संगीता ने बताई के हमे चावल नइ मिलत हमने दो तीन बार परमिट भी बनबाओ लेकिन प्रधान कटवा देत। हर परमिट पे हमने कम से कम दो चार हजार रुपइया खर्च करे लेकिन कटवा देत। दो साल से नइ मिल रओ हमे राशन तेल लेबे जात तो कत तुमाओ लिस्ट में नाम नइया न चावल हे बच्चन को हम गेऊ को दरिया दरवा के देत। आलम ने बताई के पहले समोगर में मिलत तो अब सिलाउन पहुच गओ जब से न तेल मिलत न राशन मिलत जाओ सो दो तीन बार कुपिया फोर दई और भगा देत कार्यवाही करत सो कछू सुनवाई नइ होत। राकेश कुमार कोटेदार ने बताई के अन्तोदय के तेरानबे परमिट हे और बैसे छह सौ चौदह हे समोगर गांव की हमे जानकारी नइया हमे अबे एक तारिख को आदेश मिलो लेकिन अब जो पात्र हे उन्हें राशन दओ जेहे और जो अपात्र हे उनके परमिट काट दए जेहे। देवेन्द्र पाल सिंह पी सी एस ने बताई के समोगर गांव के आदमियन ने जांच के लाने दरखास दई हे तो हम जांच करवा रए जो पात्र आदमी हे उन्हें राशन दओ जेहे।
रिपोर्टर- सुषमा
Published on Aug 9, 2017