सरकार की तरफ से राशनकार्ड आनलाइन करने का निर्देश हो गया है, लेकिन गांव के लोग जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, उनको कैसे मालूम हो कि आनलाइन हुआ है या नहीं। ललितपुर जिले के ब्लाक महरौनी के भदौरा गांव के लोगों को आनलाइन कराने के बाद भी राशनकार्ड नहीं बनें हैं। लोगों का आरोप है कि छह महीने पहले राशनकार्ड से नाम काट दिया गया था तो गरीब लोग कैसे अपना पेट भरें?
सुमना का कहना है कि पता नहीं कैसे हमारा नाम कट गया, चार-पांच महीने से कुछ नहीं मिलता है। राजा बेटी ने बताया कि कुछ लोगों को राशनकार्ड मिल गये है, लेकिन हम जैसे गरीब जिनके पास न जमीन है न खेती हैं, हमारे राशनकार्ड नहीं बने हैं। ममता का कहना है कि जिनके पास जमीन और ट्रैक्टर है उनके घर में दो-दो राशनकार्ड बने हैं। दो बार आनलाइन कराने में तीन सौ रूपये लगे है फिर भी हम जैसे गरीबों के राशनकार्ड नहीं बने हैं।श्याम ने बताया कि गांव वाले और प्रधान राशनकार्ड से बार-बार हमारा नाम कटवा देते हैं।
कोटेदार रतिराम कुशवाहा का कहना है कि यहां एक सौ नवासी राशनकार्ड बनें है, लगभग दाई सौ लोगों के राशनकार्ड बनना बाकी है। अप्रैल तक नये राशनकार्ड बन जायेगें।
जिलापूर्ति अधिकारी राम जतन यादव का कहना है कि जिन लोगों के राशनकार्ड नहीं बने हैं सत्यापित होकर जल्दी बनेगें। पात्र लोग अपना राशनकार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
रिपोर्टर- राजकुमारी