जिला ललितपुर, ब्लाक भड़वारा के गांव पारौल के लोगों के लिये अब अपना घर बनानें का सपना, सपना ही साबित हो रहा है। मजदूरी करके अपना खर्च चला रहे लोगों के झोपड़ियों में दरवाजे भी नहीं हैं।
दिनेश ने बताया कि किसी तरह बाल बच्चों को मजदूरी करके पाल रहे हैं। झोपड़ी में रहते हैं, तो इसमें दरवाजा नहीं लगा है। इस कारण कुत्ते,बिल्ली खाना खा जाते हैं। मिथला ने बताया कि झोपड़ी में रहते हैं और कहीं रहने की जगह नहीं है। हम बहुत गरीब हैं। बीस साल से रह रहें हैं। अभी तक आवास नहीं मिला है। दो जगह झोपड़ी बना चुके हैं, अब तीसरी जगह बना रहे हैं, इसे भी खाली करा लिया जायेगा तो कहां जायेगें। गजराज सिंह ने बताया कि प्रधान कहता है कि आवास मिल जायेगा, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला है।
प्रधान चन्दन सिंह का कहना है कि अभी तक हमारे गांव में बाइस आवास बनें हैं। जिनके छूट गये है उनके आवास भी बाद में बनाये जायेंगे। ग्राम पंचायत अधिकारी उमाशंकर राजपूत का कहना है कि बाइस आवास बन चुके हैं और पन्द्रह आवास पर काम चल रहा है।
रिपोर्टर- राजकुमारी