जिला ललितपुर, जिजियान गांव के मजदूरन को आरोप हे के हमने दो साल पहले मनरेगा को काम करो लेकिन रुपईया अबे तक नइ मिले आधे अधूरे मिले।
आदमियन को आरोप हे के पुरानो बालो प्रधान कत के अब हम प्रधान नइया और नओ प्रधान कत के हमे रुपईया देओ तब निकर बाहे। शिलरानी ने बताई के हम पे बनत भी नइया लेकिन हमने मट्टी पटकी और डुकरा ने उठबाई इतनी मेनत करी और रुपईया दे नइ रए।
अब द्रोपती ने बताई के हमने दो साल काम करो पुराने प्रधान के टेम में और अब नए प्रधान रुपईया नइ निकरवा रए। ज्यादा कई सो दो दो हजार निकरवाय सो पंद्रह पन्द्रह सो ले लए और पांच पांच सौ हमे दए। और हम पांच किलो मीटर निगत गए और निगतइ आय।
अब पुराने प्रधान नो जाओ सो कत के अब हम का से निकर बाहे कुन अब हमनो बस्ता हे। और नए प्रधान नो जाओ सो कत के रुपईया नइ आय। और बैंक में जाओ सो उते से भगा देत हम ओरन की सुनतइ नइया।
अवध रानी ने बताई के अगर कोऊ से कओ सो रुपईया और नइ निकरत। हमाओ मोड़ा छोटो हतो तो बो भी लगो रओ और हम सो हम लगे रए के रुपईया मिले तो कछू काम हो हे। लेकिन अबे तक रुपईया नइ मिले। एसे कत के अगर पांच हजार निकरवाए तो दो दो तुम ओरे ले लो और तीन हमे दे दो।
हरीराम प्रधान ने बताई के जो काम करवाओ तो हमने बाकी तकनिकी द्वारा रुपईया मिलत और बई हिसाब से मजदूरन की मजूरी मिलत। जैसे खंती दस बाई दस की नपाई होत तो नपाई भई इन ओरन ने कम मट्टी डारी सो बई हिसाब से रुपईया मिले।
रिपोर्टर- सुषमा और राजकुमारी
Published on Jan 4, 2017