बच्चों को शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिये भले ही सरकार ने मिड़ ड़े मील में हर बुधवार को गर्म दूध और सोमवार को फल बांटना अनिवार्य किया हो, लेकिन जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव भौड़ी के प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्मिक विद्यालय में यह सिर्फ नाम के लिये है, यहां तो सिर्फ कागजों पर सारा काम होता हैं। जांच में बच्चे पहले भी दूध न मिलने की शिकायत कर चुके हैं।
छात्र जयसिंह ने बताया कि सात महीने से फल और दूध नहीं मिला है। एक महीना दूध बस मिला था। रोज तहरी बनती है।
सुमन ने कहा कि फल और दूध नहीं मिलता है। खिचड़ी और रोटी सब्जी मिलती है।
अभिभावक जबरा का कहना है कि एक टीम आयी थी तब गांव के बच्चों ने फल और दूध न मिलने की शिकायत की थी।
अभिभावक सपना ने बताया कि हम स्कूल में जाते है तो मास्टर हमें डांटते हैं कि क्या तुम कलेक्टर हो।
सहजनी शिक्षा केन्द्र नत्थी बाई ने कहा कि तीन बार स्कूल में चेक करने गये हैं। बच्चें मास्टर के डर से ठीक से कुछ नहीं बताते हैं।
शिक्षामित्र भगवत सिंह का कहना है कि जिस दिन छुटटी रहती है उस दिन नहीं मिलता, नहीं तो बांकी दिन बच्चों को फल और दूध मिलता हैं।
शंकुल प्रभारी अनूप कुमार का कहना है कि व्यवस्था के कारण जांच करने नहीं जा पाये हैं।
खण्ड शिक्षा अधिकारी योगेन्द्र नाथ ने बताया कि चार महीना से बजट न होने के कारण फल और दूध नहीं मिल पा रहा है।
रिपोर्टर- सुषमा
Uploaded on Feb 13, 2018