उपस्वास्थ्य केंद्र जो बनता है लोगों के इलाज के लिए और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए। लेकिन ललितपुर जिले के परौल गांव का उपस्वास्थ्य केंद्र जानवरों का श्मशान बना हैं। जहां पर पड़े मरे जानवर सड़ रहे हैं। यहां डाक्टर कभी नहीं आते है। पूरा अस्पताल गन्दगी से भरा पड़ा है।
भगवानदास का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र को बनें दस-बारह साल हो गये है ,ऐसे ही खाली पड़ा है। यहां के लोग मड़ावरा और ललितपुर इलाज कराने जातें हैं। वहां तक जानें में सात-आठ सौ किराया लग जाता है। हरिचरण ने बताया कि अस्पताल की हालत बहुत खराब है। यहां गाय भैस गोबर करते हैं, न कोई सफाई कर्मी है न कोई डाक्टर है। गेंदा का कहना है कि अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। सब जगह कूड़ा और गोबर पड़ा रहता है। मलखान सिंह का कहना है कि एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलती है। अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण कई गर्भवती महिलाओं के बच्चें मर चुके हैं।
उपचिकित्सा अधिकारी डाक्टर विशाल पाठक का कहना है कि वहां कोई ए. एन. एम. नहीं है। दुसरे क्षेत्र की ए. एन. एम. वहां काम करने जाती थी। प्रधान की सहायता से अस्पताल में काम कराया जायेगा।
रिपोर्टर- राजकुमारी
Published on Jan 25, 2018