जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव छरपट इते के आदमियन को अबे तक नई मिल रओ राशन न अबे तक परमिट बने।
सुमन ने बताई के हमाओ कोनऊ परमिट नईया न हमे चावल, तेल, शक्कर, कछु नई मिलत। हम इतने गरीब हे के का बताये पन्नी ताने बामे रह रए। सबको कलोनी आ गई और हमे सो कछु नईया एक घर में से दो दो जनन को कालोनी आई बाप को अलग और मोड़ा को अलग औ हमे देखो सो हमाओ परमिट तक नईया।
राशन लेबे जाओ सो लड़ लड़ परत कत के कोटेदार नो जाओ। और कोटेदार नो जाओ सो बो कत के तुमाओ परमिट नईया तुमे का से मिल जेहे। और अबई हमसे सौ रुपइया ले गये ते पंद्रह दिना पहले और एक दिन ससुर से ले गये ते पांच सौ रूपईया भी ले लये ते और अब कत के बन जेहे बन जेहे
पांच जने हम ओरे हे और चार जने हमाई देवरानी के है और दो सास ससुर हे। लेकिन कोऊ को नई मिलत कत के अगर चाने होय तो बीस रुपईया किलो ले जाओ नई तो भग जाओ मोल लेत हम तो।
सहोद्रा ने बताई के हमे तो शुरू से नई मिल रओ राशन न हमनो जमीन हे न जाजात हे।उन नो जाओ सो कत के आजे आजे बन जेहे।
मजली बहू ने बताई के हमे राशन नई मिलत दो साल हो गई हमे। हम अंधे हेते सो हमे पांच किलो देत ते पहले अब बोई नई मिल रओ। जा परमिट पे सब चढो लेकिन कछु नई मिलत केवल पांच किलो चावल मिलत
प्रतापसिंह कोटेदार ने बताई के यूनिइट के हिसाब से पांच किलो आत तीन किलो गेंहू और दो किलो चावल। अबे जो जे नये परमिट बने जिनके सत्ताइस आदमियन के बे अबे फीड नई भये जासे उनको राशन नई अ रओ अबे।
रिपोर्टर- सुषमा
12/10/2016 को प्रकाशित