जिला ललितपुर के पचौड़ा गांव में गिरवल की मौत 28 जुलाई को नदी में डूबकर मौत हो गयी।गिरवल की उमर पैतालीस साल रही। घर वालेन को कैबो हें के गिरवल की मौत के कार्यवाही नई हो रई हें।और पुलिस वाले भी मदद की जघा झूठी बोल बे को के रए।
गिरवल की बुआ ने बताई के गिरवल रोज शराब उतारबे जात हते। सो बे डब्बा भरन गये और पांव सरक गओ सो डूब गये।
गिरवल के बाप रघुवीर नाथ उमर साठ साल कों कबो हें के पुलिस कार्यवाही जासे नई कर रइ के।काय के पुलिस ने रिश्वत लई। सो जा के मारे पुलिस कार्यवाही नई कर रई। बल्कि पुलिस के रई कैदो के मछली पकर बे गए सो गिर गये। हम झूठी काय बोले जो सई हें बोई बताहे हम तो।
गिरवल की भाभी ने बताई के गिरवल के दोस्त गिरवल को लिवा गये और दारु पिबाई और फिर दारू पिए में धक्का दे दाओ। गिरवल के तीन बच्चा हें।एक आठ साल को मोड़ा एक तीन साल की मोडी और एक डेढ़ साल की मोड़ी हें। जब गिरवल को पतों परो के नदी में गिर गये तो सब जने गए और देखो फिर गाडी से ललितपुर ले गये। फिर उते से एम्बुलेन्स में लोआ गये। सो उते से एम्बुलेंस बाले ने रूपजा लये। और दो दिना भरती रए प्राइवेट अस्पताल में और फिर ख़त्म हो गये। सो एम्बुलेंस से घरे लेयाय सो बाने पांच हजार रूपजा लये।और सब सरकारी गाडी हती तो भी सबने पईसा लये।
महरौनी कोतवाली की हर्षिता दीक्षित ने बताई के जब 28 जुलाई को शाम सात बजे गिरवल के बाप रघुबीर नाथ आय तो उनने शिकायत करी। और रिपोर्ट करी सो पुलिस ने जा के लाश को कब्जे में ले लओ और पंचायत नामा भी बन गयो।अब कार्यवाही चल रई हें। के गिरवल की मौत कैसे भई।
गिरवल की बुआ ने बताई के गिरवल रोज शराब उतारबे जात हते। सो बे डब्बा भरन गये और पांव सरक गओ सो डूब गये।
गिरवल के बाप रघुवीर नाथ उमर साठ साल कों कबो हें के पुलिस कार्यवाही जासे नई कर रइ के।काय के पुलिस ने रिश्वत लई। सो जा के मारे पुलिस कार्यवाही नई कर रई। बल्कि पुलिस के रई कैदो के मछली पकर बे गए सो गिर गये। हम झूठी काय बोले जो सई हें बोई बताहे हम तो।
गिरवल की भाभी ने बताई के गिरवल के दोस्त गिरवल को लिवा गये और दारु पिबाई और फिर दारू पिए में धक्का दे दाओ। गिरवल के तीन बच्चा हें।एक आठ साल को मोड़ा एक तीन साल की मोडी और एक डेढ़ साल की मोड़ी हें। जब गिरवल को पतों परो के नदी में गिर गये तो सब जने गए और देखो फिर गाडी से ललितपुर ले गये। फिर उते से एम्बुलेन्स में लोआ गये। सो उते से एम्बुलेंस बाले ने रूपजा लये। और दो दिना भरती रए प्राइवेट अस्पताल में और फिर ख़त्म हो गये। सो एम्बुलेंस से घरे लेयाय सो बाने पांच हजार रूपजा लये।और सब सरकारी गाडी हती तो भी सबने पईसा लये।
महरौनी कोतवाली की हर्षिता दीक्षित ने बताई के जब 28 जुलाई को शाम सात बजे गिरवल के बाप रघुबीर नाथ आय तो उनने शिकायत करी। और रिपोर्ट करी सो पुलिस ने जा के लाश को कब्जे में ले लओ और पंचायत नामा भी बन गयो।अब कार्यवाही चल रई हें। के गिरवल की मौत कैसे भई।
रिपोर्टर- राजकुमारी और सुषमा
02/08/2016 को प्रकाशित
ललितपुर के पचौड़ा गाँव में हुई गिरवल की मौत
परिवार का आरोप- पुलिस नहीं कर रही कारवाही