राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, 2015-16 (एनएफएचएस –4) की रिपोर्ट के अनुसार 12 साल या अधिक शिक्षा प्राप्त महिला को 24.7 साल के करीब पहला बच्चा हुआ, जबकि बिना स्कूली शिक्षा प्राप्त महिला को 20 वर्ष की आयु में पहला बच्चा हुआ।
अगर महिलाएं 12 वर्ष या अधिक की शिक्षा प्राप्त करती हैं तो उन्हें औसत 2.01 बच्चे होते हैं, जबकि सभी महिलाओं के लिए यह 2.2 आंकड़े और बिन शिक्षा प्राप्त महिलाओं के लिए 3.82 आंकड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार पहले बच्चे के जन्म में देरी करने और जन्म के बीच का अंतर बढ़ाते हुए कई देशों ने प्रजनन को कम किया है।
15-49 वर्ष की आयु के बीच, महिलाओं के लिए कुल प्रजनन दर 12 वर्ष से अधिक की शिक्षा प्राप्त महिलाओं के लिए 1.71 पर कम है जबकि बिन स्कूली शिक्षा प्राप्त महिलाओं के लिए आंकड़े 3.06 और सभी महिलाओं के लिए आंकड़े 2.2 है।
पढ़ी लिखी माओं से जन्म लेने वाले बच्चों के जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है। जिन महिलाओं ने शिक्षा प्राप्त नहीं है, उनसे जन्म लिए पांच वर्ष की आयु के बच्चों की मृत्यु दर 67.5 है, जबकि 12 वर्ष और इससे ज्यादा शिक्षा प्राप्त महिलाओं से जनमे बच्चों के लिए यह आंकड़े 26.5 हैं।
15 से 49 आयु वर्ष की केवल 21.5 % महिलाओं ने 12 वर्ष या अधिक शिक्षा प्राप्त की है जबकि पुरुषों के लिए यह आंकड़े 29.6 % है। 2017 में, पांच में से केवल एक किशोर ( 14 से 18 वर्ष ) ने आठ साल की स्कूली शिक्षा प्राप्त की है और 18 तक 28 % पुरुषों की तुलना में 32 % महिलाओं ने स्कूलों में दाखिला नहीं लिया है।
साभार: इंडियास्पेंड