जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव बैहारी। एते की 35 साल की गीता आपन आप-बीती एसे सुनाउत हे। गीता बताउत हे कि मोई शादी लगभग पन्द्रह साल पेहले बैहारी गांव के बब्लू पुत्र गुलजारी राजपूत के साथे भई हती। पेहले मोओ आदमी मोये नींक से राखत हतो। जभे से मोई दूसर लड़की हो गई हती। तभे से बब्लू मोये साथे मारपीट करन लगो हतो। में ऊखी मारपीट सहत हती, पे जभे मोये तीसरी दइयां भी लड़की भई तो मोये साथे मारपीट करके घर से निकार दओ। अब चार साल से अपने मायके में रहत हों। एतई रह के बनी मजदूरी करके आपन पेट पालत हों। मोओ आदमी कहत हे कि मोये नई राखने आय। काय से तोये लड़का नई होने हें। गीता की 13 साल की लड़की दीक्षा ने बताओ कि में ओर छोटी बहन सपना अपने बाप के एते रहत हते। पन्द्रह दिन पेहले ऊने हमखा मारो ओर चिमटा गरम करके छुवा दओ हे। हम दोनऊ ओते से अकेले अपने नानी के एते भाग आई हें। काय से हमखा बाप, दादी के साथे पूरा परिवार मारत-पीटत हतो।
बब्लू को बाप गुलजारी बताउत हे कि ऊ दोनऊ जने आपस में लड़ाई करत हें तो हम का कर सकत हें। काय से ऊ एक-दूसरे की बात नई सहत आय। गीता जान के अपने मायके में रहत हे। लड़कन खे लाने कोनऊ कछू नई कहत हे।
लड़का न होय पे निकार दओ घर से
पिछला लेख