लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रॉक्टर व शिक्षकों पर कुछ लोगों ने हमला कर मारपीट की। प्रॉक्टर समेत कई शिक्षकों को चोटें आईं। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि हमला निष्कासित छात्रों और बाहरी लोगों ने किया।
घटना के बाद पीजी काउंसलिंग रोक दी गई और लखनऊ विश्वविद्यालय को 13 साल बाद अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
कुलपति प्रो.एसपी सिंह के मुताबिक, वे एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में होने वाले वर्कशॉप में लेक्चर देने के लिए निकले थे। प्रशासनिक भवन से बाहर गेट पर आकाश लाला और विनय यादव कुछ लोगों के साथ उनकी गाड़ी के सामने आ गए। इनमें से कुछ लोग खुद को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बताते हुए कुछ छात्रों को दाखिला देने के लिए नारेबाजी करने लगे। ये लोग गाड़ी के आगे लेट गए इसलिए हम पैदल ही एकेडमिक स्टाफ कॉलेज चले गए।
इस बीच, उपद्रवियों ने दर्जन भर शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उन पर पत्थरबाजी भी की। करीब 10 मिनट तक तांडव काटने के बाद सभी वहां से भाग निकले।