लखनऊ। यहां के बाजारखाला इलाके में 29 मई को दो समुदाय के बीच में सांप्रदायिक हिंसा हुई। इस हिंसा का कारण हनुमान मंदिर में जोर जोर से बजने वाला लाउडस्पीकर बताया जा रहा है। इस मंदिर के करीब ही एक मस्जिद है। करीब एक बजे मंदिर में लाउडस्पीकर लगाकर प्रार्थना हो रही थी।
लोगों ने बताया कि एक मुस्लिम लड़का मंदिर में गया और लाउडस्पीकर बंद करने को कहा। उसने कहा लाउडस्पीकर तब तक बंद रहना चाहिए जब तक शुक्रवार की नमाज न हो जाए। लेकिन मंदिर में किसी ने नहीं सुनी। लाउडस्पीकर चलता रहा। दोनों समुदाय के कुछ लोगों ने उलटे सीधे नारे भी लगाए। इस पर पुलिस बुलाई गई। सब इंस्पेक्टर के दखल के बाद लाउडीस्पीकर बंद हुआ। समाजवादी पार्टी के नेता आदिल अहमद और उसके पिता ने रफीक अहमद ने बताया कि तब तक मस्जिद के करीब भाजपा दल के नेता साकेत शर्मा करीब चालीस लोगों को लेकर पहुंच गए। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से झगड़ा शुरू कर दिया। कहासुनी से बात हाथपाई तक बढ़ गई। दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई। हवा में गोलियां भी चलाईं गईं।
भाजपा नेता का कहना है कि झगड़ा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुरू किया। हनुमान मंदिर में धार्मिक समारोह था। इन लोगों ने उसमें दखल डालने की कोशिश की। रोकने पर हिंसा पर उतर आए। साकेत शर्मा ने बताया कि हिंसा के दूसरे दिन करीब सौ मुस्लिम लोगों ने हिंदुओं के घर और दुकानों में तोड़ फोड़ की। जबकि रफीक ने बताया कि मुस्लिम घरों में पहले तोड़ फोड़ शुरू हुई। दोनों तरफ के करीब साठ साठ लोगों के नाम एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
लखनऊ के डी.आई.जी. आर.के. चतुर्वेदी से जब पूछा गया कि क्या भाजपा नेता साकेत शर्मा और समाजवादी नेता आदिल अहमद के नाम एफ.आई.आर. दर्ज है तो उन्होंने कहा इन लोगों के खिलाफ कोई सुबूत नहीं हैं।