म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर म्यांमार सरकार की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कडी आलोचना हो रही है। वैश्विक संगठन संयुक्त राष्ट्र ने भी रोहिंग्या नरसंहार को जातीय हमला बोला। इन आलोचनाओं के कारण म्यांमार की बड़ी नेता आंग सान सू की ने आसियान देशों से मदद की गुहार लगाई है।
पांच ऑस्ट्रेलियाई वकीलों के समूह ने म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों और दुर्व्यवहार के खिलाफ मेलबर्न मजिस्ट्रेट अदालत में एक निजी अर्जी डाली है। जिसके तहत इन वकीलों ने सू ची को ” मानवता के खिलाफ अपराध” का दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और हर संभव कार्यवाही करने की मांग की है। म्यांमार की नेता सू की के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, और ना ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि आंग सान सू ची को पूर्ण छूट प्राप्त है।
म्यांमार द्वारा रोहिंगायओं के खिलाफ चलाए गए अभियानों को लेकर सू की कोई भी बयान सामने नहीं आया है, उनकी इसी चुप्पी को लेकर ना सिर्फ म्यांमार की सेना और प्रशासन बल्कि सू की भी विश्वस्तर पर आलोचना का शिकार बन रही हैं। फिल्हाल, सू की सिडनी में आयोजित दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के सम्मेलन में भाग ले रही हैं। रविवार को आयोजित ऑस्ट्रेलिया-आसियान समिट के दौरान राष्ट्रीय प्रतिनिधियों वाली इस बैठक में सू की मे रोहिंग्या संकट को सभी के समक्ष रखा। साथ ही आसियान व अन्य देशों से मानवता के आधार पर इस संकट पर समर्थन की मांग की है।