सरकार के नये-नये नियम कानून के बारे मा अउर कोउ का फैसला सुन-सुन के लाखन शिक्षा मित्र परेशान हवै।काहे से कत्तौ सरकार कहत हवै कि उंई शिक्षा मित्र मा रहि हैं तौ कत्तौ कहत हवै कि उनका हटा दीन जई या कारन से शिक्षा मित्र तौ जघा-जघा धरना प्रदर्शन करै मा लाग हवैं।पै यहिसे स्कूल मा पढ़ै वाले बच्चन का भी भविष्य बरबाद होय मा लाग हवै।स्कूलन मा मास्टर नहीं रहत शिक्षा मित्रन के भरोसे तौ स्कूल चलत रहै पै अब वा लागत बन्द होइ जई। सरकार शिक्षामित्रन का दस हजार रुपिया मा काम करैका कहिस हवै ,पै वहिके खातिर शिक्षा मित्रन का यहिके टीईटी पास करै का पड़ी या बात का लईके शिक्षामित्र बहुते परेशान हवैं|सरकार कइसे उनके साथै अन्याय करै मा लाग हवै |
चित्रकूट के लगभग दस शिक्षा मित्रन का कहब हवै कि हम का पहिले कहा गा रहै कि काम के हिसाब से सहायक मास्टर बनाये जइहैं।अउर वेतन भी सरकारी होइ पै अब फेर कहत हवै योगी सरकार कि पहिले टी .टी.ई पास होय का चाही अउर योगता भी होय पढ़ावै खातिर।जबै सरकार शिक्षा मित्रन के भर्ती करिस रहै तबै इं सब बातन के बारे मा काहे नहीं सोंचिस आय?
का वा समय के सरकार सोवत रहै? वहै कहावत हवै कि गुड़ देखा के पात्थर मारत हवै पहिले तौ कहिन कि वेतन सरकारी के बराबर होइ अब कहत हवै कि शिक्षा मित्र न रहि हैं यहै से पूर प्रदेश के शिक्षा मित्र मिल के लखनऊ मा आन्दोलन करिन हवै।मुख्य मंत्री हमार मांग का लइके कहिस कि सोचा जई अगर शिक्षा मित्र आन्दोलन करब न बंद करिहैं तौ कारवाही कीन जई।पता नहीं सरकार का चाहत हवैं?रोज-रोज के समस्या से तौ नीक हवै एक बार फैसला सुना दें।