अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 43 पैसे टूटकर 69.05 पर बंद हुआ, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर उत्साहजनक टिप्पणी से डॉलर के एक साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ रुपये में यह गिरावट आई। किसी एक दिन में 29 मई के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया शुरुआती कारोबार में बैंकों और आयातकों की अमेरिकी करंसी की भारी मांग के बीच गिरावट के साथ 68.72 पर पहुंच गया। बाद में यह 69.07 तक चला गया। अंत में यह 43 पैसे या 0.63 प्रतिशत टूटकर 69.05 पर बंद हुआ।
कारोबारियों के अनुसार, अमरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन के बयान और घरेलू स्तर पर संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव जैसे कारणों से रुपये में गिरावट आई।
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने अमेरिकी संसद के सामने दिए बयान में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती की बात कही। इससे ब्याज दर में वृद्धि की संभावना बनी है। हालांकि, उन्होंने इसमें धीरे–धीरे वृद्धि का संकेत दिया है।