दो हफ्तों से भारतीय रुपए की कीमत अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अमरीकी डॉलर के मुकाबले तेज़ी से घटी जा रही है और 28 अगस्त को करीब 69 रुपए प्रति डॉलर पर आ पहुंची। इसका असर सिर्फ अन्तरराष्ट्रीय व्यापार पर ही नहीं बल्कि आम जनता पर भी पड़ेगा। दुनिया के बाज़ार में रुपए की कीमत तय होती है। इस बाज़ार में रुपए की तुलना डालर से होती है। डालर यानी अमेरिका का रुपया। सामान्य स्थिति में एक डालर के बराबर हमारे 45-49 रुपए होते हैं।
रुपए की कीमत आम चीज़ों की तरह घटती बढ़ती रहती है। जब देश में व्यापार कम होता है, उपज कम होती है, विदेशी व्यापार में बेचते कम और खरीदते ज़्यादा हैं तो उसका असर पड़ता है रुपए की कीमत पर।
आम जनता की ज़रूरत की चीज़ें जैसे राशन, डीज़ल, पेट्रोल और अन्य चीज़ें महंगी होंगी। ऐसा भी हो सकता है कि सरकारी बैंकों में लगने वाला ब्याज़ भी महंगा हो।
सोने का भाव तेज़ी से बढ़ा
एक तरफ रूपए की कीमत घटती जा रही है और दूसरी तरफ सोना छू रहा है महंगाई का आसमान। 28 अगस्त को सोना हुआ चैंतीस हज़ार पांच सौ रूपए प्रति दस ग्राम। ये तो पिछले साल नवम्बर में बढ़े भाव से भी ज़्यादा हैै तब हर दस ग्राम का भाव बत्तीस हज़ार नौ सो पिचहत्तर रूपए था।
रुपया घटता जा रहा, सोना आसमान छू रहा
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