जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड डुमरा के आशा कार्यकर्ता के मानदेय या वेतन के कोनो उपाय न हई। पता न कहिया तक ले इ लोग सब मरीज पर काम करथिन। इ कहां के नियम हई?
डुमरा प्रखण्ड के आशा मीरा देवी, अंबू रानी, सुनीता कुमारी, गीता कुमारी लगभग बीस पच्चीस आषा कहलथिन कि हम सब बिना मानदेय के कहिया तक ले काम करबई। हर वार्ड में आशा कार्यकर्ता छथिन। मीरा देवी कहलथिन कि गांव से लेके अस्पताल तक दउरईत रहई छी। गांव में केतना घर गर्भवती महिला, केतना घर धात्री महिला, केतना कुपोशित बच्चा अउर कोन वार्ड में टी.वी. के बिमारी हई सब के सर्वे करे के रहई छई। जतेक देले छथिन सरकार ओई के आधार से मजदूरी न हई। ऐई महंगाई में कथी होतई। दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ते जा रहल हई। मानदेय के आष में सब लोग काम करई छी कहिया सरकार सुनथिन। हमर सब के बात। अब त वोट के लेल भी प्रशिक्षण देल गेलई।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर ओम प्रकास पंजियार कहलथिन कि इ त सरकार के ही आदेश हई कि आशा कार्यकर्ता के मरीज पर रूपईया मिलई छई। जब मानदेय अतई तब न मिलतई। अभी कोई आदेश न हई।
रुपईया बढ़ाउ तब करब काम
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