इस साल अगस्त में भारत की तरफ से बड़ी संख्या में ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों का दल भेजा जा रहा है। खिलाड़ियों ने 20 दिन तक चलने वाले इन खेलों के लिए अपना रास्ता बना लिया है। ब्राजील में खेले जाने वाले इस रियों ओलंपिक्स में इतने बड़े समूह का जाना और वो भी अधिकतर महिलाओं का जाना, किसी ऐतिहासिक घटना से कम नहीं है।
भारत की पहली ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी एक मात्र ‘भारी वजन’ उठाने वाली महिला बनी। मल्लेश्वरी, जो चार भारोत्तोलन यानि भारी वजन उठाने वाली बहनों में से एक है। उन्होंने खुद भी एक और एक भारोत्तोलक से शादी की है। उन्होंने वर्ष 2000 के सिडनी ओलंपिक में एक सौ साल के बाद भारत को पहला कांस्य दिलाया था। यह पहली बार था इससे पहले कही भी किसी भारतीय ने भारोत्तोलन में कोई पदक नही जीता था।
जो महिलाएं रियो के लिए भेजी जा रही हैं वह अपने खेल में बेहतरीन और शानदार अनुभव लिए हुए हैं। इनमें 18 साल की गोल्फर अदिति अशोक हैं जिन्होंने जनवरी 2016 के प्रो ओलंपिक्स खेले और दूसरी हैं 32 वर्षीय एकल टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास, जिन्होंने 2004 के ओलंपिक्स खेले हैं।
इस साल जिस एक मात्र महिला ने टेबल टेनिस प्रतियोगिता जीती है वह हैं, 20 साल की मनिका बत्रा। जिन्होंने तीन सोने के और एक चांदी का मैडल, 12वें साउथ एशियन खेलों में जीते। रियो के बारे में उन्होंने कहा कि ‘बिना एक मैडल जीते वो वापस नहीं आने वाली’। मनिका 5 साल की उम्र से खेलती आ रही हैं।
घर-घर जा कर दूध बेचने वाली 22 साल की रेणुका यादव छतीसगढ़ से चुनी गयी वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी है जो ओलंपिक्स में खेलने वाली हैं।
भारत की सर्वश्रेष्ठ ‘तेज़ दौड़ने वाली’ धावकों में से एक हैं ओपी जैशा, जो अब रियो में दौड़ने वाली है। उन्होंने एक बार कहा था कि उन्होंने भूख मिटाने के लिए मिट्टी भी खायी हैं क्योंकि वो भूखी नही रह सकती थीं। उनके खेल को ही उनके परिवार की गरीबी दूर करने का श्रेय जाता है।
ओलंपिक में इस बार नामी-गिरामी नाम भी हिस्सा ले रहे हैं जिनमें एकल और डबल खेलने वाली सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल और पीवी संधू के साथ एकल खेलने वाली अश्विनी पोंनाप्पा और डबल खेलने वाली ज्वाला गुट्टा भी हैं।
22 साल की दीपा कर्माकर ओलंपिक क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं। त्रिपुरा की रहने वाली दीपा ने सिर्फ 6 साल की उम्र में जिमनास्टिक की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी।
20 वर्षीय दुति चंद, रिओ ओलंपिक्स की 100 मीटर दौड़ के लिए चुनी गईं। पी।टी। ऊषा के बाद चंद दूसरी भारतीय महिला हैं जो 100 मीटर की दौड़ के लिए ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
शॉट पुट खिलाड़ी मनप्रीत कौर ने 55वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम करते हुए रियो ओलम्पिक में जाने के लिए अपनी जगह बना ली। मनप्रीत ने करिश्मा अपनी बेटी के पैदा होने के दो वर्ष बाद ही कर दिखाया।
निर्मला शेरोन ने नेशनल-इंटरनेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ 51।48 सेकेंड में पूरी करके रियो ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया। हरियाणा की इस रनर ने शुरू से ही अपना पूरा दमखम अपने खेल में दिखाया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके एम आर पूवम्मा के 2014 में बनाये गये 51।73 सेकेंड के मीट रिकॉर्ड को भी तोड़ा।
इस वर्ष के अन्य खेल प्रदर्शनों को देखें तो दीपिका कुमारी, बोम्बाल्या देवी और लक्ष्मी रानी माझी, ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने तीरंदाजी में अपना शानदार प्रदर्शन दे कर ओलंपिक में जाने का रास्ता बनाया है।
एयर पिस्तौल शूटर में माहिर अपूर्वी चंदेला, अयोनिका पॉल और नंबर एक खिलाड़ी हीना सिद्धू भी रियो ओलंपिक्स में अपने खेल का प्रदर्शन करने को तैयार हैं। हीना सिद्धू भारत की ओर से अब तक की सफल पिस्तौल शूटर रही हैं। पूर्व नंबर एक रैंक वाली एयर पिस्तौल शूटर रियो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक के लिए निशाना लगाएगी।
21 वर्षीय मणिपुरी भारोत्तोलक सैखोम मीराबाई चानू अपना जन्मदिन रियो ओलंपिक में मनाने वाली है। जून 2016 में ही इन्होने अपनी गाइड देवी के रिकॉर्ड को ही तोड़ दिया।
इस बार का ओलंपिक प्रतिभा, हिम्मत और गौरव रोमांचक खेल प्रतियोगिता होने वाली है। आशा है यह सभी महिला खिलाड़ी अपने बेजोड़ प्रदर्शन के साथ देश का मान बढ़ाएंगी।