विधानसभा चुनाव देश के पांच राज्यन मा भे हवै। चुनाव के समय तौ मड़ई कहत रहै कि सपा या बसपा य दरकी हर जघा से निकली पै 11 मार्च के दिन तौ मड़इन का कत्तौ ना भूली। भाजपा के जीत का देख तौ मड़ई अचम्भा मा पड़ी हवै कि कसत होइगा बहुमत से भी ऊपर जीत हासिल करिस हवै। या कसत भा या कउनौ का पता नहीं आय ? बस अब सोचै वालीबात हवै कि देश का. का होइ ? काहे से जीत के दिन जउनतान के गाना अउर रामराज के नारा सुनै का मिले हवैं? भाजपा के जीत से पूर उत्तर प्रदेश हिलगा हवै।
कहां जात हवै कि 37 साल का रिकार्ड तोड़ दिहिस हवै भाजपा अउर आपन कब्जा जमा लिहिस हवै। बुन्देलखण्ड का तौ इनतान से जकड़ लिहिस कि कुछ कहा नहीं जात आय। भाजपा के जीत से बहुतै लोग खुश नहीं आय काहे से मड़ई का कहब हवै कि सरकार जातिवाद ना पैदा करै ना रामराज का नारा लगावै जनता जीताइस हवै तौ देश के हित मा काम होय का चाही भाजपा का येत्ती वोट कसत मिली या अब तक मन मा चुभत हवै।
पै बसपा आपन हक जामये रही हवै वा पूर कोशिश करिस भाजपा के टक्कर मा रहै अंत तक मा पीछे लाग रही हवै। भाजपा के जीत से मड़ई खुश भी हवै अउर ना खुश भी हवै। काहे से सब के मन मा एक सवाल उठात हवै कि येत्ती ज्यादा वोट कसत मिल सकत हवैं भाजपा का । सपा कांग्रेस गठबंधन के बाद भी नहीं आ पाई। यहिकर का कारन हवै? बसपा के वोट तौ फिर भी ठीक रहैं पै मड़इन के सोच मा पानी कसत फिरगा ?
नव जवान तौ कहत रहैं कि उंई सपा का पसंद करत रहैं तौ कहां गें उंई सब? मोदी का तौ नोट बंदी का लइके लोग बुरा भला कहत रहै कि हम कत्तौ वोट न देइबै पै तबहू भाजपा के जीत भे हवै ।
जनता सोचत रहै कि केन्द्र मा भाजपा तौ राज्य मा भी उनकर सरकार होइ तौ शायद विकास होइ काहे से अबै तक जउन विधायक रहै उंई यहै कहत रहै कि हमार सरकार नहीं आय तौ हम विकास कहां से करी?अब देखै का हवै कि उत्तर प्रदेश मा कउनौ मुख्य मंत्री बनी अउर कउनतान का विकास होत हवै? का सरकार बेरोजगारन का नौकरी देवई गरीब मड़इन के विकास खातिर ध्यान देइ ?
मेहरियन के साथ होय वाली हिंसा का बन्द करवाई, का महेरिया,बिटिया या गरीब मड़ई खुले आम सड़क अउर घर मा सुरक्षित रही सकत हवैं। किसानन का कर्जा माफ़ होइ, स्वास्थ्य व्यवस्था खातिर सरकार कुछ करी? का इं मुददा भाजपा का देखात हवैं या नहीं?
रिकार्ड तोड़े से कुछ नहीं होत, विकास करवावै से जनता खुश होत हवै
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