सूखे बुन्देलखण्ड का भुखमरी के कगार से बचावैं खातिर सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून तौ लागू कई दिहिस। जेहिमा सब का बराबर के दर्जा का सामान कइके प्रति यूनिट पांच किलो राशन दीन जाय।
2 रूपिया किलो गेहूं अउर 3 रूपिया किलो चावल, पै या कानून केतना पावर फुल लागू भी है। यहिसे सरकार का कउनौ मतलब निहाय। सवाल या उठत है कि जनवरी के महीना से तीन महीना खातिर लागू कीन गे। या कानून के तहत बने राशन कार्ड लोगन के घरन मा ज्यादातर सोपीस बने रखे हैं। अगर कउनौ का राशन मिला भी है तौ इं तीन महीना पूर होय के बीच कुल एक दरकी राशन समाग्री दीन गे है।
जेहिसे या कानून का लइके दैवीय आपदा अउर सूखा के चलत तंगहाली से जूझ रही गरीब जनता आय दिन राशन न मिलैं का लइके तहसील स्तर के अधिकारिन से लइके जिले स्तर तक हंगमा मचावत है अउर दरखासैं देत है, पै इं सब चीजन से कोटेदार अउर अधिकारिन के कउनौ असर नहीं परत आय। काहे से उनके घरन मा तौ मालामाल है।
भुखमरी से तौ गरीब जनता जूझत है। नेता मंत्री अउर सरकर तौ चुनाव के समय वोट लें भर का जनता का पहिचानैं खातिर आवत है अउर रोज के नये नये वादा करत है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून से रोवत है जनता
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