काश या दरकी होली अउर ईद एक साथै मनावै राम अउर रहीम, यहै बात का सही बनावत हवै चित्रकूट जिला, ब्लाक पहाड़ी के गांव साईपुर का या मेला।मकर संक्रांति से शुरू होय वाला या मेला चार दिना तक चलत हवैं। मेला मा भीड़ का सम्भाले खातिर पुलिस भी लाग हवै।
बंशीलाल मेला के इतिहास के बारें मा बतावत हवै कि हिंया साईबाबा समाधि लीन रहै, यहै कारन हिंया मेला लागत हवै। साईबाबा का हिंया मन्दिर भी बना हवै जेहिमा मड़ई चादर चढ़ावत हवैं। मेला के खास बात या हवै कि हिंया हिन्दू- मुसलमान एक साथै मेला मनावत हवैं। मन्नत मानें खातिर मड़ई खिचड़ी चढ़ावत हवैं अउर नारियल तोडत हवैं। जलौन जिला का रहै वाला सद्दाम बताइस कि हिंया के मेला के बहुतै चर्चा सुनें रहै हौं, यहै कारन मेला देखै आयें हौं। रामरतन का कहब हवै कि मेला से चद्दर अउर प्रसाद लइके जइत हवै अउर जउन मन होत हवै वा ख्रीदित हवै।
सजी-धजी दुकानन के साथै टैटू गुद्वावै के दुकान भी हिंया देखाई पड़ी हवै। टैटू गुदवावै वाली शिवदेवी का कहब हवै कि दाढ़ी मा टैटू गुदवावै से मैं नींक देखाई देहौं बबेरू के पतवन गांव के भोलिया का कहब हवै कि मैं या मेला मा तीन दरकी आ चुकी हौं। उदित कुमार बताइस कि हजारन साल पहिले साईबाबा हिंया जिन्दा समाधि लीन रहै यहै कारन मेला मनावा जा हवै। कैलहा गांव के रेशम का कहब हवै कि साईबाबा के मजार देखै हिंया आइत हवै। पुलिस राजकपूर का कहब हवै कि पुलिस आपन काम करत हवै अउर मड़ई भी सहयोग करत हवैं।
रिपोर्टर- मीरा जाटव और नाजनी रिजवी
Published on Jan 17, 2018