नई दिल्ली। 17 जून को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल (गवरनर) बी.एल. जोशी ने इस्तीफा दे दिया। इस ही के बाद करनाटक राज्य के राज्यपाल एच.आर. भारद्वाज ने भी इस्तीफा दे दिया। ऐसा माना जा रहा है कि पिछली सरकार के समय जिन राज्यपालों को नियुक्त किया गया था उन्हें भाजपा की सरकार हटाकर अपनी पसंद के और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को पद देना चाहती है।
हालांकि प्रशासनिक रूप से ऐसी कोई पहल नहीं हुई है पर राजनीतिक स्तर पर ऐसा दबाव बनाया जा रहा है जिससे राज्यपाल खुद ही इस्तीफा दे दें। महाराष्ट्र के राज्यपाल के.शंकरनारायण ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे ऐसा तभी करेंगे जब इन मामलों का संचालन करने वाले खुद उनसे कहेंगे। केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित जो पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं, उन्होंने भी लिखित आदेश मांगा है।
पुरानी सरकार द्वारा नियुक्त किए गए राज्यपालों को मनमानी करके नई सरकार हटा नहीं सकती है। जब 2004 में यू.पी.ए. सरकार ने ऐसा करना चाहा था तो सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था।