बीसीसीआई ने रवि शास्त्री को टीम इंडिया का नया कोच नियुक्त कर दिया है। शास्त्री ने वीरेंद्र सहवाग, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत और टॉम मूडी को पीछे छोड़ते हुए ये पद हासिल किया है।
रवि शास्त्री कोच की इस रेस में इसलिए भी आगे निकल गए, क्योंकि उनका भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ अच्छा तालमेल है। यही नहीं, रवि शास्त्री टीम इंडिया के डायरेक्टर के तौर पर पहले भी काम कर चुके हैं। वो 2014 से 2016 के बीच निदेशक के रूप में भारतीय टीम के साथ कर चुके हैं। अपने डायरेक्टर के कार्यकाल में शास्त्री ने टीम को वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हीं के देश में टी-20 सीरीज में ऐतिहासिक क्लीन स्वीप दिलाया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3-0 से टेस्ट सीरीज जीती। टीम इंडिया मार्च 2016 में टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक भी पहुंची जिसके बाद उनका टेन्योर खत्म हो गया था।
शास्त्री के पास टीम मैनेजमेंट का लंबा अनुभव है। शास्त्री ने भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले हैं और 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य भी थे। वह 2007 में क्रिकेट मैनेजर के तौर पर भारतीय टीम के साथ बांग्लादेश दौरे पर गए थे, जब ग्रेग चैपल ने वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद हेड कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। रवि शास्त्री को आधुनिक क्रिकेट तकनीक के बारे में काफी जानकारी है। उन्हें मैनेजमेंट के काम का भी अच्छा अनुभव है। शास्त्री की सबसे खास बात यह है कि उन्हें खिलाड़ी पसंद करते हैं।
2014 में इंग्लैंड से 1-3 से सीरीज हारने के बाद शास्त्री टीम डायरेक्टर बने थे। 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बड़ी नाकामी के बाद विराट कोहली शास्त्री की ही देख–रेख में एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए थे। जिसका नमूना 2014 में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में देखने को मिला था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में विराट कोहली ने 4 टेस्ट मैचों में 86.50 की औसत से 692 रन बनाए थे। जिसमें 4 शतक और 1 अर्धशतक शामिल रहा।