13 फरवरी को अयोध्या से “राम राज्य रथयात्रा” का शुभारंभ किया गया। यह यात्रा तमिलनाडु के रामेश्वरम में समाप्त होगी और इससे पहले अगले दो महीनों में छह राज्यों से गुजरेगी।
राम राज्य रथयात्रा में एक रथ है। एक टाटा मिनी ट्रक को रथ का स्वरूप दिया गया है। यह यात्रा भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के अलावा कांग्रेस शासित कर्नाटक से गुजरेगी। कर्नाटक में पार्टी इस साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सत्ता हथियाने की उम्मीद कर रही है। यात्रा अंतिम चरण में केरल से गुजरेगी, जहां भाजपा अपने पैर फैलाने की कोशिश में जुटी है।
आधिकारिक तौर पर यह रथयात्रा महाराष्ट्र के एक सामाजिक संगठन द्वारा आयोजित की जा रही है और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ–बीजेपी से वैचारिक साम्य रखने वाले वीएचपी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठन भाग लेंगे।
वहीं, यात्रा की योजना को लेकर मुस्लिम याचिकाकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद की मांग पर ध्यान आकर्षित किया है। अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ज़फरयाब गिलानी ने हाल ही में यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपनी मस्जिद की मांग नहीं छोड़ेंगे। वे अपने वकीलों से परामर्श लेंगे। उन्होंने कहा कि वे अदालत के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर गौर करे, क्योंकि “रथ यात्रा कानून और व्यवस्था का मामला है।“