प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 मा हमरे भारत देश मा उत्तर भारत जैसेन देश मा गांव मा रहै वाले साठ प्रतिशत मनइन के यहां शौचालय नाय बना बाय। जेसे गांव घर कै मनई मेहरारु शौच के ताई बाहर जाए का मजबूर अहैं।
गांवन मा बारह हजार के लागत से स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां शौचालय बनिउ गै बाय। उहौ खाली नाम मात्र कै बाय। कुछ दिन दिखावटी मा बढ़िया बना रहाथै। वकरे बाद जहां बरसात कै पानी परा सब उजरै लागाथै। दुइयौ चार महीना सही से नाय चलत। लोहिया गांवन मा बना शौचालय कै इहै हाल रहाथै। शौचालय बनै के बादौ मनइन का वकै फायदा नाय हुवत। जमीनी हकीकत जाए के देखै तौ पता चलाथै कि शौचालय मा ईट अउर कन्डी भरी रहाथै। पूछै पै पता चलाथै कि पानी बाय तौ दरवाजा नाय अउर दरवाजा लाग तौ शीट नाय कवन मेर वका इस्तेमाल करै। ई हाल तौ बाय स्वच्छ भारत योजना कै। जबकि प्रधानमंत्री कै कहब बाय कि आवय वाले 2017 तक हर गांव मा घर घर शौचालय बनि जाये ई हमार लक्ष्य बाय। लकिन आज भी केतना गांव यहि योजना कै इन्तजार करत अहैं कि आखिर उ दिन कब आये जब हमरे गांव मा शौचालय बने अउर हमरे सबका खड़ी फसल मा शौच जाए का मजबूर न हुवय का परे।
योजना तौ लागू होइगै कुछ गांवन मा मनइन का लाभ मिला लकिन वहि जागरुकता कै कमी बाय। नियम कै फायदा दियै के साथ साथ मनइन का जागरुक करब भी जरुरी बाय कि योजना कै लाभ मिलत बाय तौ वकै सही तरीका से इस्तेमाल भी हुवय न की बने बनाये शौचालय मा कन्डी अउर ईट भरा जाए।
योजना कै नाय मिलत सही लाभ
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