प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के 6 महीने पूरे होने पर पिछली सरकारों की खामियों पर एक श्वेतपत्र जारी किया।
सूत्रों अनुसार, योगी सरकार ने 24 पेज का श्वेतपत्र तैयार किया है, जिसमें मायावती, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव सरकार की 25 खामियां बयान की गयी हैं। इसमें बड़ा हमला मायावती और अखिलेश पर है। अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया है कि उसमें भू माफियाओं को पनाह दी गयी, जेल अपराधियों की आरामगाह बन गये, किसान कर्जदार हो गये, गोमती रिवर फ्रंट बनाने में गड़बड़ी की, यूपी लोकसेवा आयोग की नौकरी में जातिवाद और भ्रष्टाचार चला, बिजली देने में भेदभाव किया, यश भारती पुरस्कार की बंदरबांट हुई और हर हफ्ते 2 दंगे हुए।
वहीँ, श्वेतपत्र में मायावती के स्मारकों के बनाने में हुए घोटालों से लेकर एनआरएसएम घोटाले तक का ज़िक्र है। इसमें कहा गया है कि मायावती सरकार में नोएडा और लखनऊ में स्मारक बनाने की लागत बनते–बनते 483 फीसदी बढ़ गई। स्मारक बार–बार बनाए और गिराए गये। एनआरएचएम में बड़ा घोटाला हुआ। 21 चीनी मिलें कौड़ियों के भाव बेच दीं। कोटे का राशन बाज़ार में बिक गया और शराब का ठेका एक ही परिवार को दे दिया।
हालांकि कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आज जनता की दिलचस्पी इसमें नहीं है कि 14 साल पहले क्या हुआ, बल्कि इसमें है कि आज क्या हो रहा है और कल उसका भविष्य में क्या होगा और इस पत्र द्वारा योगी अपनी सरकार के दोश छुपाना चाहते हैं।