देश को आजाद होने के करीब सत्तर साल बाद भी आज भी कुछ ऐसी जगह हैं जो सुविधाओं से काफी दूर हैं, जहां केवल वादे ही पहुंचते हैं। झांसी जिले का कंचनपुर गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है।
रोशनलाल ने बताया कि हम अपने सभी खेतों में डीजल से सिंचाई करते है क्योंकि यहां बिजली नहीं है, अगर कहीं इंजन खराब हो जाये तो उसमे भी हजारों रूपये खर्च हो जाते हैं बच्चे दिन में पढ़ लेते हैं क्योंकि रात के अंधेरे में कुछ पढ़ नहीं पाते हैं। महेश रैकवार समेत कई लोगों ने बताया कि राशनकार्ड में जो तेल मिलता है, तो उसी से दीपक जलाकर रात में खाना खातें हैं और फिर बुझाकर रख देते है। नेता पचास साल से कह रहें है कि बिजली लगवा देगें किन्तु अभी तक यहां बिजली नहीं लगी है। भोला प्रसाद का कहना है कि जब बिजली होगी तभी तो पंखा चलेगा शादी-ब्याह में लोग गैस जलाकर काम चलाते हैं।
बिजली विभाग के कई बार चक्कर काटने के बाद भी अधिकारी नहीं मिलते है अगर मिलते है तो जवाब देने में आनाकानी करते हैं।
रिपोर्टर- सफीना