उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के मकोका की तरह ही यूपीकोका बनाने जा रही है, जिसके लिए विधेयक आज विधानसभा में पेश किया गया।
उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (यूपीकोका) यानी संगठित अपराध को कानून द्वारा नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मंजूरी दी, जिसके बाद अब इसे आज राज्य विधानसभा में पेश किया गया।
बताया जा रहा है कि इससे भू– माफिया, खनन माफिया और संगठित अपराध पर रोक लगेगी।
प्रदेश सरकार अगस्त महीने से ही यूपीकोका लाने पर विचार कर रही थी। सरकार का दावा है कि अंडरवर्ल्ड और नेताओं के बीच की साठगांठ को यूपीकोका जैसे सख्त कानून से ही खत्म किया जा सकता है। विधानमंडल के दोनों सदनों से विधेयक पारित होने के बाद उसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बता दें कि अपराधियों पर लगाम कसने के उद्देश्य से पहली बार मायावती ने साल 2007 में यूपीकोका की शुरुआत की थी। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, जिसने उसे मंजूरी नहीं दी।
यूपीकोका के तहत तीन साल से लेकर उम्रकैद व फांसी तक की सजा हो सकती है। इसमें 5 लाख से 25 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी है। इस कानून के जरिये पुलिस और स्पेशल फोर्स को विशेष शक्तियां दी जाएंगी।