हिंया न सड़क बनी आय न शौचालय बनें आहीं। गांव मा बना खुला नाला मउत का दावत देत हवै। प्रधान कइत हवै कि उनचास शौचालय बने हवै पै मड़ई कहत हवै गांव मा एकौ शौचालय नहीं बने आहीं। मिनता देवी बताइस कि जबै से हैण्डपम्प लाग हवै तौ बीच रास्ता मा पानी भरें से कीचड़ होइ जात हवै मड़ई ऊपर से निकल के जात हवैं। विकलांग मेहरिया पियरी बताइस कि पेंशन नहीं बनावत आय। लड़का बहू कुछौ नहीं देत आहीं। उपासे मा मड़इन से मांग के खात हौं। बीमार होइ जात हौं तौ मुहल्ला वाले दवाई करावत हवै प्रधान कुछौ नहीं बनवावत आय। रामस्वरूप बताइस पिछले पंचवर्षिय मा कलोनी बनी रहै पै पूर रुपिया न मिले के कारन अधूरी पड़ी हवै। प्रधान बाकी रुपिया निकाले खातिर घूस मांगत हवै।
उर्मिला गुप्ता बताइस कि हमें राशन मिलत आय न पेंशन मिलत आय न हमरे शौचालय भी नहीं बना आय बुढ्ढा बुड्ढी बाहर जात हवैं। बीमार होइ जइत हवै तबहूं बाहर जाएं का पड़त हवै।
प्रधान शिवनारायण बताइस कि हिंया तेरह आवास आये हवै काम शुरू हवै। उनचास शौचालय बन चुके हवै। एडीओ पंचायत चन्द्रभान सिंह बताइस कि देवल मा पचास शौचालय बनवाये गें हवै जेहिमा बयालिस बन गें हवै छह अधूरे पड़े हवै। सड़क अउर नाला बजट आये मा बनवायें जइहैं। कलोनी सबै पात्र मड़इन का मिल जइहैं।
रिपोर्टर-सहोद्रा
Published on Dec 18, 2017