खबर लहरिया न्यूज़ नेटवर्क महिला पत्रकारों का एक समूह है। इस हफ्ते पढि़ए आज़म खान की भैंसों के चारों को पकड़ने की कहानी।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आज़म खान ही नहीं बल्कि उनकी भैंसे भी खबरों में रहती हैं। फरवरी 2014 में आज़म खान की सात भैंसें खो गई थीं। उस वक्त तीन पुलिसवाले भी बर्खास्त कर दिए गए थे। भैंस चोर की खोज तबसे जारी थी। आखिरकार अब जाकर भैंसों का चोर पकड़ा गया।
आज़्ाम खान की भैंसों को खोजने में जो चुस्ती बरती गई अगर यही चुस्ती दूसरे अपराधियों को पकड़ने में बरती जाती तो शायद उत्तर प्रदेश में अपराध इतना न बढ़ता। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार देश में सबसे ज्यादा अपराध होने वाला राज्य उत्तर प्रदेश ही है। साल 2011 की रिपोर्ट देखें तो देशभर होने वाला हर तीसरा अपराध उत्तर प्रदेश में ही होता है। पूरे देश में होने वाला करीब साढ़े तैंतिस प्रतिशत अपराध यहीं होता है। ऐसे में जब मुरादाबाद के एस.पी. अपनी पीठ थपथपाते हुए यह कहते हैं कि भैंसों के चोर का खोज निकालना मुरादाबाद पुलिस की बड़ी सफलता है तो देश में बढ़ रहे अपराध को गंभीरता से न लेने की तरफ इशारा करता है।
प्रदेश में हत्याएं, हमले और हिंसा बढ़ती जा रही है। इस महीने इन मामलों पर लिखने वाले पत्रकारों पर भी राज्य में हमले हुए जिसमें एक पत्रकार की मौत हो गई। ह्त्या के आरोपी पुलिस वाले ही हैं। फेसबुक और इंटरनेट की दूसरी साइट में लगातार यह मजाक चल रहा है कि शायद अब भैंसों के चोर पकड़ने के बाद यू.पी. पुलिस को फुर्सत मिले प्रदेश के अपराधियों को पकड़ने की। लेकिन आज़्ाम खान की भैंसों का चोर 22 जून को मिला और 24 जून को उत्तर प्रदेश में आंवला सीट के एक विधायक धर्मपाल सिंह की नौ भैंसें चोरी हो गईं। आसपास के तीन थानों की फोर्स भी भैंसों की खोज में जुट गई है।
उत्तर प्रदेश की तो गई भैंस पानी में। दुआ करो कि विधायक की भैंसें जल्दी मिलें। ताकि पुलिस को राज्य में बढ़ रही हिंसा को रोकने और अपराधियों को पकड़ने की फुर्सत मिले।